maholi
महोली महोली गाँव मथुरा के पास है; महोली मधुपुरी का अपभ्रंश है (जिस तरह परसौली परशुराम-पुरी का अपभ्रंश है). यहाँ मधु दैत्य का निवास था; मधु दैत्य की बाद यह मधु-वन उसके पुत्र लवणासुर के अधिकार मे आया! दशरथ पुत्र शत्रुघ्न जी ने लवणासुर का वध किया एवम् यह जंगल को साफ़ करवाकर शहर बसाया! शहर का नाम मधु-पुरी या मथुरा था! हरिवंश पूरण के आधार पर शत्रज्ण जी के द्वारा बसाए गये शहर का नाम मथुरा था! शत्रुघ्न जी के देवरोहण के बाद गोवेर्धन के राजा भीम ने मथुरा को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया! उसके बाद यह 'ज़दु' के अधिकार क्षेत्र में आया, इसी 'ज़दु वंश के आख़िरी राजा उग्रसेन थे! अकबर के समय में भी यहाँ पवित्र मधु-कुंड के पास भगवान कृष्ण के चतुर्भुज रूप के मंदिर में भांदौ कृष्ण-पक्ष की एकादशी को मेला लगता था! आज भी महोली में भांदौ एकादशी पर मेला लगता है! चतुर्भुज जी का मंदिर ध्रुव टीला पर ध्रुवजी महाराज के साथ है ! मधु कुण्ड पर ही शत्रुघ्न महाराज का प्राचीन मंदिर है! मधु कुण्ड भी है और संरक्षित भी है! माहौली के दक्षिण में ताल-वन था (जिसे आजकल तारसी गाँव बोलत